अगर आप भी राजस्थान की प्रसिद्ध और पारंपरिक राजस्थानी कढ़ी घर पर बनाना चाहते है और इसके लिए Rajasthani Kadhi Recipe ढूंढ रहे है तो आज की यह पोस्ट आपके लिए परफेक्ट है ।
राजस्थानी कढ़ी राजस्थान के पारंपरिक व्यंजनों में से एक है जो अपने खट्टे-मीठे स्वाद और मसालों की अनोखी खुशबू के लिए जानी जाती है। राजस्थान की धरती पर कढ़ी का महत्व सिर्फ एक डिश तक सीमित नहीं है यह वहां के घरों में हर रोज़ का हिस्सा है। जो इसे खास बनाते हैं इसके अंदर पड़ने वाले मसाले जो इसे अलग पहचान देते हैं। गर्म-गर्म कढ़ी को जब बाजरे की रोटी के साथ परोसा जाता है तो इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
इस Rajasthani Kadhi Recipe की खासियत यह है कि इसे बनाना बेहद आसान है और यह कम समय में तैयार हो जाती है। अगर आप पहली बार इसे बना रहे हैं तो भी चिंता की कोई बात नहीं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको स्टेप-बाय-स्टेप विधि बताएंगे जिससे आप आसानी से स्वादिष्ट और पारंपरिक राजस्थानी कढ़ी घर पर बना सकें।
Rajasthani Kadhi Recipe के लिए आवश्यक सामग्री –
Rajasthani Kadhi Recipe के लिए आपको कुछ सामग्री की जरूरत पड़ने वाली है जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है ।
हरे प्याज – 150 ग्राम
हरी मिर्च – 4-5
लहसुन – 10-12 कली
पुदीना पत्ता – 4-5
करी पत्ता – 7-8
प्याज – 2
थोड़ा सा हरा धनिया
तेल – 2 tbsp
हल्दी पाउडर – 1 tsp
धनिया पाउडर – 1 tsp
जीरा – 1/2 tsp
राई – 1/2 tsp
छाछ – आधा लिटर
नमक – स्वादनुसार
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Rajasthani Kadhi Recipe Step by Step –
01 – Rajasthani Kadhi Recipe के लिए सबसे पहले सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से धो लें और काटकर तैयार करें। हरा प्याज, प्याज, हरी मिर्च और हरा धनिया को बारीक काट लें। लहसुन की कलियों को छीलकर हल्का सा कूट लें। करी पत्तों और पुदीने के पत्तों को साफ कर लें। बाजरे के आटे का घोल बनाने के लिए इसे थोड़ा पानी मिलाकर गाढ़ा घोल तैयार करें ताकि इसमें गुठलियां न रहें।
02 – इसके बाद कढ़ाई में 2 टेबलस्पून तेल डालकर मध्यम आंच पर गर्म करें। तेल गर्म होने पर उसमें जीरा और राई डालें। जब जीरा चटकने लगे तो उसमें बारीक कटा हुआ लहसुन डालें और हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
03 – अब इसमें बारीक कटा हुआ प्याज, करी पत्ता, और 2 बारीक कटी हुई हरी मिर्च डालें। इन्हें 2-3 मिनट तक चलाते हुए भूनें जब तक प्याज हल्का सुनहरा न हो जाए। कढ़ाई में धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, कूटी हुई 2 हरी मिर्च और 8-10 लहसुन की कलियों का पेस्ट डालें। इसे अच्छे से मिलाएं और थोड़ा सा पानी डालकर मसालों को 2-3 मिनट तक पकने दें।
04 – मसाले अच्छी तरह पकने के बाद, कढ़ाई में आधा लीटर छाछ डालें। इसके साथ ही, बाजरे के आटे का घोल भी डाल दें। इसे लगातार चलाते रहें ताकि कढ़ी में गुठलियां न बनें। अब आवश्यकता अनुसार पानी डालें और मध्यम आंच पर 7-8 मिनट तक कढ़ी को पकने दें।
05 – जब कढ़ी अच्छी तरह पक जाए और उसमें स्वाद और खुशबू आ जाए, तो ऊपर से पुदीने के पत्ते और बारीक कटा हरा धनिया डालें और गैस बंद कर दें। आपकी राजस्थानी कढ़ी तैयार है इसें बाजरे की रोटी के साथ सर्व करें ।
अगर आप इसे थोड़ा तीखा पसंद करते हैं तो अंत में ऊपर से कुटी हुई लाल मिर्च भी डाल सकते हैं।
Conclusion –
राजस्थानी कढ़ी न केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन है बल्कि राजस्थान की समृद्ध परंपरा और संस्कृति का हिस्सा भी है। इसे बनाना जितना आसान है इसका स्वाद उतना ही लाजवाब होता है। खट्टे-मीठे स्वाद और मसालों की अनोखी खुशबू से भरपूर यह कढ़ी हर खाने के शौकीन को खुश कर देती है। बाजरे की रोटी के साथ इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
इस रेसिपी को एक बार बनाकर देखें यकीन मानिए इसका स्वाद आपको बार-बार इसे बनाने के लिए प्रेरित करेगा। अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस पारंपरिक डिश का आनंद लें और राजस्थान के खास स्वाद को अपने घर तक लेकर आएं।
FAQs Related to Rajasthani Kadhi Recipe –
01 – कड़ी में क्या-क्या डाल सकते हैं?
कढ़ी में बेसन, दही या छाछ का उपयोग मुख्य रूप से होता है। इसमें स्वाद बढ़ाने के लिए करी पत्ता, लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, हल्दी, धनिया पाउडर और अन्य मसाले डाले जा सकते हैं। आप अपनी पसंद से पकोड़े, पुदीना, या हरा धनिया भी डाल सकते हैं।
02 – कढ़ी के साथ क्या अच्छा लगता है?
कढ़ी के साथ गरमागरम चावल सबसे बढ़िया लगता है, जो इसके खट्टे-मीठे स्वाद को बेहतरीन तरीके से संतुलित करता है। इसके अलावा, बाजरे की रोटी, फुल्के या जीरा राइस भी इसके साथ बहुत अच्छे लगते हैं। इसे अचार और पापड़ के साथ परोसें तो स्वाद और भी बढ़ जाता है।
03 – कड़ी कब नहीं खानी चाहिए?
कढ़ी को रात में अधिक मात्रा में खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें दही और बेसन का उपयोग होता है, जो पाचन में भारी हो सकता है। जिन लोगों को एसिडिटी, सर्दी, या गले की समस्या हो, उन्हें भी खट्टी कढ़ी खाने से परहेज करना चाहिए।
04 – कढ़ी चावल खाने से क्या फायदा होता है?
कढ़ी और चावल का संयोजन एक संपूर्ण और पोषक आहार है, जो पाचन को बेहतर बनाता है। कढ़ी में दही और मसाले होते हैं, जो पेट के लिए फायदेमंद होते हैं, जबकि चावल ऊर्जा प्रदान करता है। साथ में यह शरीर को हल्का और ताजगी का एहसास देता है।
05 – बासी कढ़ी खाने से क्या होता है?
बासी कढ़ी खाने से पेट की समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे गैस, ऐंठन, और अपच, क्योंकि उसमें बैक्टीरिया या फंगस बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, बासी कढ़ी का स्वाद भी बिगड़ जाता है और यह पाचन में भारीपन महसूस करा सकती है।